-वैद्य डॉ शोभालाल औदीच्य-
नौतपा क्या है?
नौतपा को नवतपा भी कहा जाता है। प्रतिवर्ष मई महीने के दूसरे सप्ताह या तीसरे सप्ताह तक सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है । जिसके कारण धूप और गर्मी तेज हो जाती है । और इस तीखी धुप जो 9 दिनों तक होती है जिसे नौतपा कहा जाता है । इस वर्ष नौतापा २५ मई से 2 जून तक रहने वाला है ।
नौतपा के दौरान खानपान और रहन-सहन का विशेष ध्यान रखना पड़ता है जिससे आप बीमार नहीं पड़ेंगे।
नौतपा में दिनचर्या
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त 4 से 6 से पूर्व बिस्तर छोड़ दे।
- सुबह उठकर बिना ब्रश किए जल का सेवन करें।
- नित्य कर्म एवं पूजा निवृत्त होकर यावगु अर्थात जौ और छाछ से बनी राबड़ी का सेवन करना चाहिए।
- 9ः00 से 12ः00 के बीच में भोजन कर लेना चाहिए जो हल्का सुपाच्य जिसमें हरी सब्जियां कम मिर्च मसाले के साथ में बनी हो।
- दोपहर के समय नारियल पानी फलों का रस गन्ने का रस स्ट्रॉबेरी लीची बेलन ककड़ी अधिक पानी का सेवन करना चाहिए।
- शाम को 3ः00 बजे से 4ः00 बजे के बीच में जौ का सत्तू का सेवन करें।
- धनिया मिश्री काली मिर्च तरबूज के बीच गुलाब की पत्ती खसखस का ठंडाई का मसाला बना कर पानी भिगोकर खरहल में पीसकर आवश्यकता अनुसार दूध मिलाकर पीना चाहिए।
- शाम को 6ः00 से 7ः00 के बीच हल्का सुपाच्य मधुर रसो वाला मन को प्रसन्न करने वाला का सेवन करें।
- रात 9ः00 बजे मीठे दूध का सेवन करना चाहिए।
- 10ः00 बजे से पूर्व शयन के लिए जाना चाहिए।
नौतपा में क्या खाएं?
फलों का सेवन
गर्मियों के मौसम में आने वाले सभी फलों का सेवन करना चाहिए इन फलों में पानी की मात्रा की वजह से शरीर में खनिज लवण एवं पानी की कमी नहीं होती है जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है। इस मौसम में तरबूज खरबूज और लीची आलू बुखारा बेलन काकडी का सेवन करना चाहिए।
नौतपा में भोजन
भोजन सुपाच्य एवं सामान्य होना चाहिए जैसे रोटी सब्जी दाल चावल। इस समय में तली हुई खाद्य सामग्री सेवन नहीं करना चाहिए। पेट का हाजमा ठीक गर्मी के दिनों में मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। बाजार में मिलने वाले फास्ट फूड ,जंक फूड का सेवन ना करें।
अधिक नमक वाली खाद्य सामग्री का सेवन जैसे नमकीन, पापड़ ,चिप्स, नमकीन वाली मूंगफली ,चेवड़ा इत्यादि।
इस समय बहार का खाना न खाए क्योकि गर्मी में फ़ूड पोइजनिंग की समस्या हो सकती है।
नौतपा में पानी का सेवन
भीषण गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी होना स्वाभाविक है। इसलिए दिन में कम से कम 4 से 5 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। इस समय लिक्विड के रूप में नारियल पानी लस्सी फलों के रस का सेवन शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
नौतपा में चाय कॉफी
भारतीय परंपरा में अब चाय कॉफी का प्रयोग मेहमानों की आवभगत में एवं सामान्य रूप से किया जाता है। लेकिन नौतपा की समय चाय कॉफी का प्रयोग जितना कम हो सके करना चाहिए। क्योंकि कैफीन और दूसरे पदार्थों में गर्मी को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं।
नौतपा में होने वाले संभावित रोग
- सनस्ट्रोक लू लगना
- अतिसार (डायरिया)
- उल्टी
- नकसिर
- कंजेक्टिवाइटिस
- डिहाइड्रेशन( निर्जलीकरण)
- टाइफाइड
- पीलिया
नौतपा में सावधानी एवं रोगों से बचने के उपाय
- लू लगना सामान्य बात है गर्मी के मौसम में विशेषकर नौतपा में तेज गर्मी के कारण लू लग सकती है। इससे बचने के लिए
- घर से निकलते समय कुछ खाकर निकले।
- जल का सेवन करते रहे
- सत्तू घोल कर पी सकते हैं।
- कच्चे आम को पानी में उबाल कर रस निकाल कर जीरा ,सेंगरी नमक, मिश्री डाल कर पियें ।
- कच्चे प्याज का सेवन करे ।
- इमली का पन्ना बनाकर सेवन करे (इमली , नमक, जीरा , मिश्री या गुड को पानी में भीगा कर)
- पलाश के फुल (खाखरे के फुल ) दोपहर में पानी में डाल कर धुप में छोड़ दे शाम को उस पानी से स्नान करना है ।
- गहरे रंग के कपडे न पहने ।
- सफ़ेद और सूती कपडे पहने ।
- नारियलपानी का सेवन करें।
- बेल के शरबत का प्रयोग करें।
- लस्सी का सेवन करें।
- छाछ का प्रयोग करें।
- एयर कंडीशन का प्रयोग करने के बाद एकदम गर्मी में ना निकले।
(लेखक BAMS MD (आयुर्वेद) Ph.D (आयुर्वेद) MA {योग} हैं तथा राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय सिंधी बाजार उदयपुर में सेवारत हैं)