जोधपुर, 25 दिसम्बर। संत चन्द्रप्रभ महाराज ने कहा कि ओम् आध्यात्मिक लक्ष्य और ब्रह्मसाधना का बीजमंत्र है। यह पंचपरमेष्ठी का सार, ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के आह्वान का...
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जोधपुर, 25 दिसम्बर। संत चन्द्रप्रभ महाराज ने कहा कि ओम् आध्यात्मिक लक्ष्य और ब्रह्मसाधना का बीजमंत्र है। यह पंचपरमेष्ठी का सार, ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के आह्वान का...
Read more-डॉ. अलकनंदा शर्मा- धनत्रयोदशी श्री कुबेर पूजा मुहूर्त संवत 2078 कार्तिक कृष्ण पक्ष 12 मंगलवार तारीख 02 नवम्बर 2021 सायं प्रदोष वेला यमदीपदान एवं श्री पूजन 5.51 से...
Read moreडाॅ. अलकनंदा शर्मा भारतीय धर्मशास्त्र में शक्ति की पूजा का संबंध शिव से है। शैव शक्तियां ही दुर्गा नाम से जानी जाती हैं। दुर्गा या चण्डी के अनुष्ठान...
Read morewelcome2udaipur. शारदीय नवरात्रा आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा गुरुवार तारीख 7/10/2021 से शुरू हो रहे हैं। इस दिन दोपहर 12:02 बजे से लेकर 1:49 बजे तक अभिजीत वेला में...
Read moreआचार्य भरत दुबे युगाब्ध-5123, विक्रम संवत 2078, राष्ट्रीय शक संवत-1943 सूर्योदय 05.50, सूर्यास्त 06.40, ऋतु - वर्षा भाद्रपद कृष्ण पक्ष सप्तमी, रविवार, 29 अगस्त 2021 का दिन आपके...
Read moreआचार्य भरत दुबे युगाब्ध-5123, विक्रम संवत 2078, राष्ट्रीय शक संवत-1943 सूर्योदय 05.50, सूर्यास्त 06.40, ऋतु - वर्षा भाद्रपद कृष्ण पक्ष षष्ठी, शनिवार, 28 अगस्त 2021 का दिन आपके...
Read moreजन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त को सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस बार जन्माष्टमी बहुत ही खास है। इस दिन कई विशेष संयोग बन रहे हैं। इस बार...
Read moreआचार्य भरत दुबे युगाब्ध-5123, विक्रम संवत 2078, राष्ट्रीय शक संवत-1943 सूर्योदय 05.50, सूर्यास्त 06.40, ऋतु - वर्षा भाद्रपद कृष्ण पक्ष पंचमी, शुक्रवार, 27 अगस्त 2021 का दिन...
Read moreआचार्य भरत दुबे युगाब्ध-5123, विक्रम संवत 2078, राष्ट्रीय शक संवत-1943 सूर्योदय 05.50, सूर्यास्त 06.40, ऋतु - वर्षा भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्थी, गुरुवार, 26 अगस्त 2021 का दिन...
Read moreआचार्य भरत दुबे युगाब्ध-5123, विक्रम संवत 2078, राष्ट्रीय शक संवत-1943 सूर्योदय 05.50, सूर्यास्त 06.40, ऋतु - वर्षा भाद्रपद कृष्ण पक्ष तृतीया, बुधवार, 25 अगस्त 2021 का दिन आपके...
Read more‘वेलकम 2 उदयपुर’ जी हां, जब भी कोई मेहमान हमारे शहर में आता है तो हम एकदम शॉर्ट टर्म में यही कहकर उसका स्वागत करते हैं। इन शब्दों में न केवल स्वागत की भावना जुड़ी है, बल्कि ये शब्द हमारी मेहमाननवाजी के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है।मेवाड़ की मेहमाननवाजी विश्व प्रसिद्ध है। मेहमान की हर चीज, यहां तक कि उसकी हर भावना की चिंता मेवाड़वासी करते हैं, ‘वेलकम 2 उदयपुर’ जी हां, जब भी कोई मेहमान हमारे शहर में आता है तो हम एकदम शॉर्ट टर्म में यही कहकर उसका स्वागत करते हैं। इन शब्दों में न केवल स्वागत की भावना