अब सिर्फ ऑर्गन ट्रांसप्लांट लाइसेंस का इंतजार, फिर नहीं जाना पड़ेगा अहमदाबाद
कौशल ऋषभ
बरसों के इंतजार के बाद बुधवार को उदयपुर को सुपर स्पेश्यलिटी चिकित्सा विंग की सौगात मिल ही गई। किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा की साथ अन्य अंगों के प्रत्यारोपण की सुविधा उदयपुर में ही उपलब्ध कराने के लक्ष्य से राजकीय महाराणा भूपाल चिकित्सालय में 159 करोड़ की लागत से इस विंग का निर्माण किया गया जिसका बुधवार को लोकार्पण किया गया। अब जल्द ही अंग प्रत्यारोण के अनुज्ञा पत्र के भी मिलने की उम्मीद है और उसके बाद उदयपुर में यह सुपर स्पेश्यलिटी विंग मील का पत्थर बन जाएगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली से व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 828 करोड़ रुपये की लागत से तैयार भीलवाड़ा एवं भरतपुर मेडिकल कॉलेज भवन तथा बीकानेर, उदयपुर एवं कोटा के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेश्यलिटी विंग का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से जालौर, प्रतापगढ़ व राजसमन्द में भी सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।
उदयपुर में यह रहे मौजूद

इस लोकार्पण अवसर पर उदयपुर जिला मुख्यालय स्थित आईटी केन्द्र में उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओ.पी.बुनकर, आरएनटी प्राचार्य डॉ. लाखन पोसवाल, एमबी अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी सहित सभी 9 विभागों के विभागाध्यक्ष वरिष्ठ चिकित्सक एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
सुपर स्पेशियलिटी विंग में मिलेगा बेहतर उपचार
डॉ. पोसवाल ने बताया 159 करोड़ की लागत से निर्मित इस सुपर स्पेशियलिटी विंग में किडनी ट्रांसप्लांट, ब्रेन स्ट्रोक, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के दो हजार मरीजों को रोज ओपीडी में और 200-250 भर्ती मरीजों को आईपीडी में बेहतर उपचार दिया जा सकेगा। रोगियों को अहमदाबाद, मुंबई, जयपुर, दिल्ली आदि जगह नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस विंग में एक ही जगह न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, गेस्ट्रो मेडिसिन, गेस्ट्रो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और एंडोक्राइनोलॉजी (डायबिटीज) जैसे नौ विभाग संचालित होंगे। विंग में अत्याधुनिक मशीन उपकरण इंस्टॉल कर दिए है।
ऐसी होगी विंग
डॉ. पोसवाल ने बताया कि विंग के ग्राउंड फलोर एवं फस्र्ट फ्लोर पर आउटडोर, लैब्स, ड्रेसिंगरूम, सैंपल कलेक्शन व एक्स-रे, सीटी सीमुलेटर, डीएसए, लिथोट्रीप्सी तथा सैकंड-थर्ड फ्लोर पर चार वार्ड और चौथी मंजिल पर ऑटोमेटेड बेड का आईसीयू विद् सेन्ट्रलाइज्ड मोनिटरिंग होगा। पांचवीं मंजिल पर छह मॉड्यूलर ऑपरेशन थियटर रहेंगे।
चाय की थड़ी से शुरू हुआ था अभियान


उदयपुर में किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट की मांग बरसों पहले समोर बाग – दूधतलाई रोड पर चाय की थड़ी लगाने वाले जितेन्द्र सिंह राठौड़ ‘काजू भाई’ ने अपने पुत्र मंगल की किडनी की बीमारी से मृत्यु के बाद पोस्टकार्ड के माध्यम से उदयपुर में ही किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट की मांग शुरू की थी। वे आते-जाते लोगों से चिट्ठियां लिखवाते थे। उन्होंने लेकसिटी किडनी केयर एंड रिलीफ फाउंडेशन बनाकर उसके संस्थापक अध्यक्ष रहते हुए कई किडनी रोगियों को उपचार के लिए भामाशाहों से आर्थिक सहायता दिलवाई और किडनी दान करने वालों का सम्मान भी किया। वे अब भी इस मिशन में लगे हैं। यह मिशन पूरे उदयपुर संभाग की जरूरत से जुड़ा था, ऐसे में इससे कई समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता आदि जुड़ते गए।
काजू भाई ने बताया कि विंग तैयार हो गई है, डॉक्टर भी उपलब्ध है, अब सिर्फ एम्स से मानव अंग प्रत्यारोपण ऑर्गन ट्रांसप्लांट के अनुज्ञा पत्र का इंतजार है। जयपुर और दिल्ली से टीम आकर यहां व्यवस्थाओं का जायजा लेकर रिपोर्ट देगी, इसके बाद अनुज्ञा पत्र मिलेगा और यह अनुज्ञा पत्र उदयपुर की चिकित्सा सुविधाओं के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। इसके लिए उन्होंने जयपुर से दिल्ली तक पत्र लिखे हैं और हर जनप्रतिनिधि से इसकी गुहार लगाई है।