वेलकम 2 उदयपुर.
अयोध्या में जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर के निर्माण के प्रारंभ को लेकर पूरे देश में उल्लास है। झीलों के शहर उदयपुर में भी घर-घर में उल्लास है। इसका प्रमाण यह है कि पूर्व संध्या पर भी जगह-जगह दीप प्रज्वलित किए गए और जय श्री राम के उद्घोष लगे। इतना ही नहीं, कुम्हारवाड़ा क्षेत्र में मिट्टी के दीपक की भी बिक्री हुई तो बाजारों में आतिशबाजी की दुकानों पर भी खरीदार नजर आए। हर मन में प्रभु श्रीराम के मंदिर के निर्माण को लेकर जो उल्लास है वह 5 अगस्त शाम को दीपक की टिमटिमाहट और आतिशबाजी के शोर में नजर आएगा। इधर, उदयपुर के प्रमुख माने जाने वाले राम मंदिरों में भी विशेष आयोजन होंगे। सभी आयोजन कोविड-19 के खतरे को ध्यान में रखते हुए सीमित संख्या और निर्धारित दूरी का पालन करते हुए किए जाएंगे।

उदयपुर के चांदपोल स्थित प्रसिद्ध मूछों वाले राम जी के मंदिर में रघुनाथद्वारा में सुबह सवा 12 बजे विशेष आयोजन होगा। भगवान श्रीराम को विशेष शृंगार धराया जाएगा और आरती भी होगी। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ और भजन होंगे। इसमें आम जन की उपस्थिति वर्जित रहेगी। सिर्फ मंदिर के पुजारी परिवार ही उपस्थित रहेंगे। यह मंदिर जगदीश मंदिर से भी पुराना बताया जाता है।

इसी तरह, रावजी का हाटा स्थित प्र्रसिद्ध मीठारामजी के मंदिर में सुबह 11 बजे रामधुन शुरू हो जाएगी। सीमित संख्या में भक्त निर्धारित दूरी का पालन करते हुए रामधुन करेंगे। भगवान को विशेष शृंगार धराया जाएगा। यहां भगवान को 56 भोग धराया जाएगा। शाम को गोधूलि वेला में 101 घी के दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे।