उदयपुर, 12 जनवरी। कड़ाके की ठंड में भी अपने आराध्य शीश के दानी खाटूश्याम की भक्ति की ऐसी लगन थी कि हाडक़म्पाती ठंड भी असर नहीं कर पाई। बाबा के भक्त देर रात तक भजनों की सरिता में गोते लगाते रहे और लगातार बाबा के जयकारे गूंजते रहे। मौका था झीलों के शहर उदयपुर में खाटूश्याम बाबा के वार्षिक जागरण महोत्सव का। फतह स्कूल के मैदान में आयोजित इस महोत्सव में शनिवार देर रात तक भक्तों का सैलाब बाबा की मनोहारी छवि को निहारता, भक्तिगीतों पर झूमता नजर आया।
श्री श्याम भक्त मण्डल ट्रस्ट (रजि.) उदयपुर की ओर से हर बार अप्रैल में होने वाले आयोजन के दौरान बरसात, आंधी, तूफान को देखते हुए इस बार यह सोलहवां जागरण महोत्सव में जनवरी में हुआ। सर्दी को देखते हुए इस बार विशाल डोम बनाया गया, लेकिन सर्दी ने भक्तों की पूरी परीक्षा ली। फिर भी बाबा की भक्ति में डूबे भक्त भजनों से ही ऊर्जावान रहे। इस बार बाबा का दरबार थाइलेंड और अन्य जगहों से आए विशेष फूलों से सजाया गया। बाबा विशाल मंदिरनुमा दरबार में विराजे जिनके चारों ओर मोरपंख के साथ ही हीरे, मोती, कुंदन व सितारे सजे थे। बाबा का नयनाभिराम दरबार देखकर एक बार तो भक्तों के आंखों में भावना के आंसू आ गए।
जगरण के प्रारंभ में जमनाशंकर व योगेश सैनी ने गणेश वंदना कर कार्यक्रम का आगाज किया। गजानंद सरकार पधारों कीर्तन की सब तैयारी है के साथ भजनों की सरिता शुरू हुई। योगेश सोनी ने बालाजी की सुंदर रचना माता अंजनी के प्यारे, श्रीराम की आंख के तारे वीर बली हनुमान सुनाया। लता सोनी ने बाबा का लोक प्रिय भजन श्याम भजन भर दे रे श्याम झोली भर दे, ना बहलाओं बातों मेंगाकर महिलाओं को नाचने पर मजबूर कर दिया। महिलाएं झोली फैलाकर नाचने लगी। राम शर्मा ने हे श्याम धणी मेरे मुझे ना यूं भूल जाना भजन सुनाकर मीठी शुरुआत की। इसके बाद श्रीमती सरमेश राठौड ने कईया बैठा हो चुपचाप, बाबा थे म्हारा मां बाप, मैं तो ओढ ली चुनरिया बाबा थारे नाम की तथा उदयपुर के अनिल आनंद शर्मा की जोड़ी ने मुझे श्याम ले लो अपनी शरण में, मेरा बाबा दौड़ा चला आता है तथा एक आस तुम्हारी है विश्वास तुम्हारा है भजन सुनाकर भक्तों का दिन जीत लिया।
श्री श्याम दरबार सूरजगढ के संजय सेन ने मारवाड़ी भजन श्याम तने धरा ले चालूं रे,,,, दिन काटा गिण गिण, थे हर बोलो थारे बिन किया रहा,,,,,म्हारा दाता हनुमान ऐसो वरतो म्हाने,,,शीश के दानी का सारे जग में डंका बाजे तथा सांवरिया बैठयो है, जो लेणो है सो मांग ले जैसे भजन सुनाए तो भक्तजन भावुक हो उठे। भक्तों ने बाबा से कामनाएं पूरी करने की अर्जी लगाई।
कोलकोता के विकास कपूर ने जग रुठे पर मेरा सांवरिया सरकार न रुठे,,,बाबा श्याम पे भरोसा किया जा तू,,,फागुन का मेला आता है हर साल तथा कल भी हारे का साथी, आज भी हारे का सहारा भजन सुनाकर भक्तों को बाबा में लीन कर दिया।
कोलकाता के ही शुभम ने जाके सिर पर हाथ म्हारा श्याम धणी को हो,,,,किडी ने कण, हाथी ने मण,,,,म्हाने पिहरियो लागे खाटू धाम,,,घुंघटियों आडो आग्योजी तथा ये तेरा दरबार है, हम तेरे दरबारी जैसे मारवाडी भजन सुनाकर भक्तों को मस्त कर दिया। मुंबई के रामावतार अग्रवाल ने बडा प्यारा सजा है शृंगार मेरे बाबा का,,,मन मंदिर में आन विराजो खाटू वाले श्याम तथा हम शीश झुका कर कहते हैं हम हो गए खाटू वाले भजन सुनाकर ऐसा जादू कर दिया कि कई देर तक भक्त झूमते रहे। प्रदीप हरितवाल ने लगन तुमसे लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा भजन सुनाकर आत्म विभोर कर दिया।
जयपुर के मनीष ने चंग की थाप पर ऐसे भजन गाए कि भक्तजन सर्दी में भी फागुन की मस्ती में खो गए। होली पर गाए जाने वाले भजनों पर भक्तजन ऐसे झूमते रहे जैसे कि फागुन का ही महीना हो। भक्तजन कड़ाके की ठंड को भी भूल गए।
श्याम भजन सम्राट नन्द किशोर शर्मा (नन्दूजी), अहमदाबाद,वालों ने जब भजन की सरिता बहाना शुरु किया तो हजारों भक्तों ने हाथ उपर उठाकर और श्याम बाबा का जय जयकार कर उनका अभिवादन किया। नंदूजी ने कीर्तन की है रात बाबा आज थाणे आणो है,,,,के अलावा मैं तो तेरा प्रेम दीवाना प्रेम करो कष्णा,,,,,किस बात का करे गुमान,,,,श्याम तेरे भक्तो को तेरा ही सहारा है,,,सेवक लायो जी धनश्याम थारा केसरिया निशान तथा भर दे श्याम झोली भर दे रे के अलावा कई सारे भजन सुनाकर हजारों भक्तों का दिल जीत लिया। नंदू महाराज के भजनों पर भक्तजन बार-बार उठकर नाचते रहे। श्याम बाबा और हारे हा सहारा की जय जयकार से पांडाल गूंज उठा।
आयोजन में दिल्ली के मुकेश द्वारा उपस्थित सभी भक्तों पर केवडे जल की फुहारों से छिडक़ाव कर पूरा मैदान सुगन्धित किया गया। इस बार बाबा का दरबार मंदिर की थीम पर बनाया गया जिसमें चारों और फूलों की बन्दनवार थी तो रंगबिरंगे फूलों की रंगोली के ऊपर बनाये भव्य विशाल मन्दीर के बीचों बीच बने सिंहासन पर श्याम बाबा बिराजे। मंच की सभी मंजिलों को कुन्दन नगिने व सितारों व मोर पंखों से सजाया गया। ऐसे गगन चुम्बी दरबार के दर्शन भक्तों ने दूर बैठ कर भी आसानी से किए। मंदिर की उपरी छोर पर भगवान गजानंद विराजेंगे जबकि दायीं और बायीं ओर हनुमानजी महाराज और महादेव विराजे। बाबा के तुलसी पंचामृत माखन मिश्री पंचमेवा खीर चूरमे सहित 56 तरह के व्यंजन विशेष रूप से ताजा शुद्ध तैयार कर बनवाये गया। छप्पन भोग में छप्पन तरह के व्यंजनों से सजी धजी थालियों को मण्डल की पारम्परिक व मांगलिक वेश-भूषा में सजी-धजी महिलाओं ने अपने हाथों से सजाया। सभी भक्तों को शुद्ध देशी घी से बनी ‘‘बूंदी’’ प्रसाद स्वरूप वितरित की गई। सभी भक्त अधिकतम समय तक रूककर बाबा के भजनों का आनन्द ले सकें, इसके लिए भण्डारे की पूरी रात व्यवस्था रही जिसमें पूड़ी, सब्जी, मंूगदाल का हलवा, गर्म पकोड़ी के अलावा सर्दी में पूरे समय गर्म चाय व मठरी की व्यवस्था रही।