पारसनाथ पर्वत क्षेत्र में पर्यटन और इको टूरिज्म गतिविधियां प्रतिबन्धित रहेंगी: भूपेन्द्र यादव
सिरोही, 05 जनवरी। भारत सरकार ने जैन धर्म के प्रमुख आस्था स्थल पारसनाथ सम्मेदशिखरजी की पवित्रता को बनाये रखने के लिए झारखण्ड सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगावें।
भारत सरकार के वन मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को पर्यावरण मंत्रालय नई दिल्ली में जैन समाज के चार दर्जन से अधिक प्रमुख प्रतिनिधियो के साथ हुई इस बैठक में यह निर्णय लिया गया। अन्तरराष्ट्रीय जैन युवक महासंघ के अध्यक्ष सुनील सिंघी की पहल पर वन मंत्रालय में आयोजित इस बैठक में वन व पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सभी प्रतिनिधियों की आपत्तियों व सुझावों को सुना और उसके बाद उनको आश्वस्त किया कि सरकार पारसनाथ सम्मेदशिखरजी तीर्थ की पवित्रता को बनाये रखने की प्रतिबद्धता को दोहराती है। भारत सरकार ने झारखण्ड सरकार को निर्देश दिया है कि पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य की प्रबन्धन योजना के खण्ड 7.6.1 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाए। इसके तहत पारसनाथ पर्वत पर शराब, ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की ब्रिकी करना, तेज संगीत बजाना या लाउडस्पीकर का उपयोग करना, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के पवित्र स्थल पर स्मारक, झीलें, चट्टानें, गुफाएं, मंदिर, जंगलों, जल निकायों, पौधों, जानवरों के लिए हानिकारक कार्य करना या ऐसे स्थलों की प्राकृतिक शांति को भंग करना, पालतू जानवरों के साथ आना और पर्वत पर अनाधिकृत कैंपिग और ट्रेकिंग आदि की अनुमति नही हैं।
वन मंत्री के साथ वार्ता के बाद सुनील सिंघी ने बताया कि 2 अगस्त 2019 को जारी इको सेंसिटिव जोन अधिसूचना के खण्ड 3 के प्रावधानों को लागू करने पर तत्काल रोक लगा दी गई हैं। इस रोक के कारण अब पारसनाथ पर्वत क्षेत्र में सभी तरह की पर्यटन और इको टूरिज्म गतिविधि प्रतिबन्धित रहेगी।
निगरानी समिति में जैनों व आदिवासियों को दिया जाए प्रतिनिधित्व
भारत सरकार की ओर से वन महानिरीक्षक (वन्य जीव) रोहित तिवारी ने झारखण्ड सरकार के अपर मुख्य सचिव वन व पर्यावरण विभाग एल खियांग्टे को भेजे एक पत्र मे निर्देश दिए हैं कि वे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 की उपधारा (3) के तहत अधिसूचना के प्रावधानों की प्रभावकारी निगरानी के लिए निगरानी समिति में जैन समुदाय के 2 तथा स्थानीय आदिवासी समुदाय के एक सदस्य को स्थायी सदस्यों के रूप मे आंमत्रित करें ताकि उनकी उचित भागीदारी मे निरीक्षण कार्य हो सकें।
वनमंत्री के साथ हुई वार्ता में सुनील सिंघी के अलावा महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, आनन्दजी कल्याणजी पेढ़ी अहमदाबाद के प्रतिनिधि श्रीपाल रसिकलाल शाह, एडवोकेट अशोक जैन, गजराज गंगवाल, अजय बोथरा, संतोष जैन, आरके मार्बल लि. के प्रबन्ध निदेशक रमेश पाटनी, नाकोड़ा ट्रस्ट के चेयरमैन रमेश मूथा, शिखरचंद पहाड़िया, गौतम जैन चैन्नई, सुनील गांग इन्दौर, ललित गांधी, पूर्व सांसद अजय संचेती, लेहर सिंह सिसोदिया, इत्यादि शामिल थे।
आभार
जैन समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री के साथ वार्ता के बाद दिल्ली में शाम 5 बजे आयोजित प्रेस वार्ता मे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व वन व पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जैन समाज की भावनाओं को समझा और पारसनाथ सम्मेदशिखर तीर्थ की पवित्रता को बनाये रखने के लिए इस क्षेत्र मे पर्यटन गतिविधियों व इको टूरिज्म पर तत्काल रोक लगाई है।
झारखण्ड सरकार ने अधिसूचना को लागू करने के लिए कोई कदम नही उठाया है: हेमंत सौरेन
झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सौरेन ने गुरुवार को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव को एक पत्र लिखकर कहा है कि 2 अगस्त 2019 को जारी अधिसूचना पर जैन समाज की जो आपत्ति है उस पर भारत सरकार निर्णय करे। उन्होंने पत्र मे लिखा है कि झारखण्ड सरकार जैन धर्मावलम्बियों की भावनाओं का सम्पूर्ण सम्मान करती है और उक्त स्थल की पवित्रता अक्षुण रखने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उक्त अधिसूचना को निरस्त करने की मांग जैन समाज कर रहा है और अनेक ज्ञापन भी प्राप्त हो रहे हैं। उक्त अधिसूचना के खण्ड 2.3(6) व 3(3) के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाये हैं। उन्होंने लिखा है कि उक्त अधिसूचना को निरस्त करने का प्रश्न है तो यह कार्यवाही भारत सरकार द्वारा ही की जा सकती है।
जैन समाज मे खुशी की लहर
लम्बे समय से जैन समाज पूरे देश मे इस तीर्थ को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में रैलियां निकाल रहा था। इस विषय पर भारत सरकार ने जैन समाज की आपत्तियों का परीक्षण करवाया और फिर जैन समाज के प्रतिनिधियों को दिल्ली बुलाकर उनको विश्वास में लिया और पर्यटन गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जारी किए। सरकार के इस आदेश के बाद जैन समाज ने राहत की सांस ली और इस आदेश पर खुशी व्यक्त कर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।