उदयपुर, 12 फरवरी। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के कद्दावर नेता उदयपुर शहर के विधायक गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने रविवार को 13 राज्यों में राज्यपाल नियुक्त करने की सूची जारी की जिसमें उदयपुर के कटारिया के लिए भी यह घोषणा हुई।
उदयपुर से गुलाबचंद कटारिया पांचवें व्यक्ति हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया है। इससे पहले राज्यपाल बनने वाले चार व्यक्तियों में एक स्वाधीनता सेनानी, दो राजनीतिक क्षेत्र से और एक सेवानिवृत्त अधिकारी थे। इनमें स्वाधीनता सेनानी सादिक अली, पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया, जनसंघ के नेता सुंदर सिंह भंडारी तथा रॉ के डायरेक्टर रहे अरविन्द दवे शामिल हैं।
स्वाधीनता सेनानी व सांसद सादिक अली बोहरा 1910 में जन्मे थे, इलाहाबाद यूनिवरसिटी से उन्होंने पढ़ाई की। वे 70 के दशक में तमिलनाडु और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे थे।
कांग्रेस के कद्दावर नेता और आधुनिक राजस्थान के निर्माता कहे जाने वाले मोहनलाल सुखाड़िया राजस्थान में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। वे 1954 से 1971 तक 17 साल लगातार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद में उन्होंने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यपाल का पद संभाला।
उदयपुर को कर्मस्थली बनाने वाले जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में रहे सुंदरसिंह भंडारी भी राज्यपाल रहे। हालांकि वे मूलतः उदयपुर के नहीं थे, लेकिन उन्होंने उदयपुर को कर्मस्थली बनाया। अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार में राज्यपाल बनाया गया। भंडारी को 1998 में बिहार और 1999 में गुजरात का राज्यपाल बनाया गया।
उदयपुर के अरविन्द दवे जो साल 1997 से 1999 तक रॉ के निदेशक रहे थे, वे भी चार राज्यों के राज्यपाल रहे। अरविन्द दवे कारगिल युद्ध और भारत के परमाणु कार्यक्रम ’ऑपरेशन शक्ति’ के दौरान रॉ के प्रमुख थे। वर्ष 1999 से 2003 के दौरान वह अरुणाचल प्रदेश, 2003 से 2004 के दौरान मणिपुर और 2002-2003 के दौरान मेघालय और असम के कार्यवाहक राज्यपाल रहे।