भूत कहें या बुरी ताकतें, इनको भगाने के लिए सभ्य मानव समाज हमेशा से जतन करता रहा है। तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, नाम अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन भावना एक ही है कि भूत या बुरी ताकतों का इस दुनिया से नाश हो और मानव सभ्यता सुकूनदायी जीवन बसर कर सके।
प्राचीनकाल से ही भूतों और बुरी ताकतों को भगाने के तरीकों को लेकर कई लोक किवंदतियां प्रचलित हैं। सिर्फ भारत ही नहीं, अपितु पूरे संसार में भूतों और बुरी ताकतों को भगाने के लिए अलग-अलग तरीकों से प्रयत्न किए जाते हैं।
इनमें से एक अवसर है हैलोवीन जो हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। पश्चिमी देशों में इस दिन अवकाश भी रखा जाता है। इस दिन इस अवसर को मानने वाले लोग विशेष पोशाक पहनते हैं। शाम को अलाव जलाया जाता है और भूतों को भगाने का जतन किया जाता है। आज के समय में इस दिन भूतों की पोशाक पहनने का चलन चल पड़ा है।
जो भी हो, इस पृथ्वी पर रहने वाले हर व्यक्ति की यही कामना है कि हमारा मानव समाज भूतों या भूत कही जाने वाली बुरी ताकतों, नकारात्मक ताकतों से सुरक्षित रहे।
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