जयपुर, 12 जनवरी। राजस्थान की गहलोत सरकार ने 18 जनवरी से कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने का निर्णय किया है। इसको लेकर गृह विभाग के बाद बाल संरक्षण आयोग ने भी गाइडलाइन जारी की है। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा है कि कोरोना काल में बच्चे सुरक्षित रहे, इसको लेकर आयोग हर जिले में मॉनिटरिंग करेगा।
कोविड-19 के कारण करीब 10 महीने से बंद स्कूलों को अब चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। बच्चे घर से स्कूल और स्कूल से घर तक कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहे, इसको लेकर आयोग प्रत्येक जिले में मॉनिटरिंग करेगा। आयोग की ओर से जारी 35 बिंदुओं की एडवाइजरी की पालना कराने के लिए शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव से लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं।
आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा है कि कोरोना काल मे बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर आयोग पूरी तरह से गंभीर है। सरकार ने अन्य राज्यों के अध्ययन के बाद स्कूलें खोलने का निर्णय किया है। इसके लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है, लेकिन बाल संरक्षण आयोग का भी दायित्व है कि संक्रमण के इस दौर में कोई स्कूल संचालक किसी तरह की लापरवाही नहीं बरते।
बेनीवाल ने बताया कि इसके लिए 35 बिंदुओं की एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें बच्चों के घर से निकलने के समय से लेकर स्कूल पहुंचने और स्कूल से वापस घर आने तक के दौरान रखे जाने वाले उपायों के बारे में निर्देशित किया गया है। आयोग ने सभी जिला समितियों को भी निर्देश दिए है कि वो हर जिले में स्कूलों की व्यवस्थाओं को देखे। बेनीवाल ने कहा कि आयोग की गाइडलाइन निजी और सरकारी स्कूलों पर लागू रहेगी।
राज्य बाल संरक्षण आयोग की ओर से जारी किए गए 35 बिंदु
- कंटेनमेंट जोन में स्थित विद्यालयों में विद्यार्थियों का प्रवेश निषेध रखा जाए.
- राज्य सरकार के निर्देशानुसार अनुमति कक्षाओं के विद्यार्थियों को ही विद्यालय में बुलाया जाए.
- किसी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाए. स्कूल आने के लिए अभिभावक की सहमति आवश्यक है. जो अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहे उनकी ऑनलाइन कक्षाएं पूर्व की भांति संचालित होती रहेगी.
- विद्यालय में विद्यार्थियों और स्टाफ के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति को अनावश्यक प्रवेश नहीं दे. अभिभावक या अन्य किसी व्यक्ति के प्रवेश से पूर्व पूर्ण जानकारी रजिस्टर में इंद्राज की जाए. विद्यालय प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति कक्षा कक्ष में प्रवेश नहीं करें.
- संपूर्ण विद्यालय भवन को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से सैनेटाइज किया जाए.
- विद्यार्थियों के मध्य उचित दूरी सुनिश्चित की जाए. कक्षा और कक्षाओं में उचित दूरी की स्वच्छता हेतु आवश्यकतानुसार बांटा जाए और दो पारी में विद्यालय संचालित की जाए.
- विद्यालयों में प्रार्थना और अन्य किसी सभा का आयोजन नहीं किया जाए.
- विद्यालय प्रशासन सुनिश्चित करें कि विद्यालय प्रांगण में किसी प्रकार की भीड़ एकत्रित नहीं है.
- विद्यालय में प्रवेश द्वार पर सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों के तापमान जांच की जाए. निर्धारित से अधिक तापमान पाए जाने की स्थिति में विद्यालय में प्रवेश नहीं किया जाए.
- बिना मास्क किसी भी विद्यार्थी, स्टाफ या आगंतुक को विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जाए. किसी के पास मास्क नहीं पाए जाने पर विद्यालय की ओर से मास्क उपलब्ध कराई जाए.
- विद्यालय एवं कक्षा कक्ष में प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. इसके लिए पैरों से संचालित होने वाली सैनिटाइजर डिवाइस को प्राथमिकता दी जाए.
- शौचालय में कीटाणुनाशक साबुन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
- विद्यालय में प्रवेश के लिए निर्धारित दूरी पर निशान बना कर आपस में उचित दूरी सुनिश्चित की जाए और एक बार में एक ही विद्यार्थी को प्रवेश दिया जाए.
- विद्यालय समापन समय पर एक बार के लिए एक कक्षा की छुट्टी की जाए ताकि एक साथ भीड़ इकट्ठी नहीं हो.
- विद्यालय प्रशासन की ओर से सभी कक्षाओं में पाठ्यक्रम आवश्यकतानुसार कम किया जाए.
- अध्यापकों की ओर से विद्यार्थियों को बार-बार हाथ धोने, मास्क लगाने और उचित दूरी बनाए रखने को कहा जाए. इसको लेकर विद्यालय में प्रवेश द्वार और नोटिस बोर्ड पर जानकारी उपलब्ध कराई जाए.
- विद्यालय समय में खेलकूद गतिविधियां प्रतिबंधित रखी जाए और विद्यार्थियों को अनावश्यक किसी भी सार्वजनिक जगह पर हाथ नहीं लगाने दिया जाए.
- विद्यालय भवन में थूकने पर पाबंदी रखी जाए.
- विद्यार्थी पानी की बोतल अपने साथ लेकर जाएं.
- लंच के समय विशेष सावधानी रखी जाए. लंच वाली जगह पर पूर्ण सफाई रखी जाए. विद्यार्थी आपस में लंच शेयर नहीं करें.
- शिक्षक-अभिभावक बैठक का आयोजन नहीं किया जाए. आवश्यकता होने पर ऑनलाइन बैठक की जाए.
- किसी बच्चे को खांसी, जुखाम, बुखार और तेज इफेक्शन होने पर तुरंत अभिभावक को सूचित कर चिकित्सा से जांच करवाने हेतु प्रेषित की जाए. चिकित्सक से सलाह लेकर ही बच्चों को विद्यालय भेजा जाए.
- विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए विद्यालय में प्राथमिक उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. अपने क्षेत्र के अस्पताल एवं चिकित्सा की पूर्ण जानकारी विद्यालय में रखना सुनिश्चित करें और आवश्यकता होने पर विद्यार्थियों का तुरंत उपचार कराया जाए.
- बाल वाहिनी को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जाए और परिवहन के दौरान संचालक, परिचालक, स्टाफ और विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से मास्क लगाने हेतु निर्देशित किया जाए.
- बाल वाहिनी में बैठने वाले प्रत्येक छात्र के मध्य एक सीट छोड़कर बैठा जाए.
- कोरोना एडवाइजरी की पालना में किसी भी विद्यार्थी पर अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं डाला जाए.
- फीस के कारण किसी भी विद्यार्थी को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाए.
- यदि विद्यालय में छात्रावास का संचालन किया जा रहा है तो वहां भी कोविड-19 से बचाव हेतु दिशा-निर्देश की पालना सुनिश्चित की जाए.
- छात्रावास में निवासरत बच्चों के मध्य उचित दूरी रखना सुनिश्चित की जाए. एक कक्ष में 2 से अधिक विद्यार्थियों को नहीं रखा जाए.
- छात्रावास को रोजाना सैनिटाइज किया जाए.
- छात्रावास के सभी कार्मिक और आवासियों की प्रतिदिन तापमान जांच की जाए.
- विद्यार्थियों के बिस्तर के कपड़ों को धूप में सुखाने की व्यवस्था हो.
- छात्रावास में विद्यार्थियों के लिए भोजन/मैस की व्यवस्था परिसर में ही की जाए. बाहर का खाना मंगवाने की अनुमति नहीं दी जाए.
- मेस में साफ-सफाई की पूर्ण ध्यान रखी जाए. उपयोग में आने वाले सभी बर्तनों को साबुन से धोकर ही प्रयोग में लिया जाए. मेस का स्टाफ हाथों में दस्ताने का प्रयोग करें.
- स्टाफ और विद्यार्थी मास्क लगाने, हाथ धोने और उचित दूरी बनाए रखने के निर्देशों की पालना करें.