भारतीय स्थापत्य में मेरुशिखर की विशिष्ट शैली में उदयपुर में जगन्नाथराय (भगवान जगदीश) का मंदिर बना है जो मध्यकालीन स्थापत्य में महत्वपूर्ण माना जाता है। प्राचीन मंदिर शिल्पशास्त्र का इसके निर्माण में पूरा ध्यान रखा गया है। महलों के त्रिपोलिया द्वार के बाद जगत शिरोमणि मंदिर (ऊपर के मंदिर) के बाद यह मंदिर पूर्वमुखी बना है। भूमितल से यह लगभग 80 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर बना है। मूलत: यह पंचायतन स्थापत्य है जिसमें मध्य में विष्णवायतन है जबकि ईशान, आग्नेय आदि कोनों पर शिव, गणेश, सूर्य और शक्ति के लघु मंदिर बने हैं। इसका निर्माण 1651 ई. में महाराणा जगतसिंह (1628-53) द्वारा शांतिकाल के दौरान करवाया गया था। इस मंदिर में श्याम पाषाण से निर्मित मुकुंदराय की प्रतिमा प्रतिष्ठित है और सामने ही विष्णु वाहन गरुडज़ी की पीतल से बनी मूर्ति छतरी में करबद्ध मुद्रा में है।