महाराणा सज्जनसिंह (1874-84) द्वारा विकसित गुलाबबाग शहर का प्रमुख उद्यान है। इसे शहर का ऑक्सीजन हब कहें तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस बाग में लगभग चार सौ प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। हालांकि, अब कई तरह की औषधीय वनस्पति लुप्त हो चुकी हैं। बहुत पहले देश की सुदूर रियासतों से आने वाले राजदूत अपने साथ जो पौधे लेकर आते थे, उनको यहां लगाया जाता था। इस कारण यहां मेवाड़ की भौगोलिक स्थिति से अलग भी कुछ पौधों की प्रजातियां नजर आती हैं। कुछ साल पहले यहां ग्रह-नक्षत्र वाटिका भी बनाई गई। यहां स्थित सरस्वती पुस्तकालय में कई प्राचीन हस्तलिखित पाण्डुलिपियां, ग्रंथ संग्रहित हैं।