कौशल/ऋषभ
Welcome 2 Udaipur . उदयपुर में नगर निगम के नए बोर्ड के गठन के बाद ही हैप्पी न्यू ईयर आया और स्मार्ट सिटी के कार्यों के साथ इज ऑफ लिविंग का सर्वे भी आप तक आ रहा है। नगर निगम ने राजस्व बढ़ाने के लिए यूडी टैक्स पर फोकस किया है। नए साल के साथ अपने पूरे कार्यकाल में पार्षद अपने उदयपुर के लिए कैसा सपना देखते हैं, उदयपुर के एक छोटे से हिस्से के लिए वे जिम्मेदार होने के नाते किन कार्यों को तरजीह देंगे, इसके लिए वेलकम टू उदयपुर टीम ने पार्षदों के दिल को टटोला।
आइये जानते हैं, वार्ड-49 की भाजपा से पार्षद श्रीमती जयश्री असनानी ने अपने क्षेत्र की किन जरूरतों और पार्षद के दायित्वों को हमारे साथ शेयर किया।
वेलकम टू उदयपुर से बातचीत के दौरान श्रीमती जयश्री कहती हैं कि उन्होंने काम करने के लिए पार्षद के रूप को चुना और घर-परिवार से भी उन्हें पूरा हौसला मिला। वे शहरी क्षेत्र के विभिन्न छोटे-छोटे मोड़ पर एक्सीडेंट होते हुए देखती थी तो यह महसूस करती थी कि वहां बेरियर होने चाहिए। अब ये काम वे पार्षद बनने के बाद करेंगी। कम से कम आबादी क्षेत्र में जहां बच्चे साइकिल चलाते हैं, खेलते हैं, वहां वाहनों की गति पर लगाम रखने के लिए मोड़ पर बेरियर होना जरूरी है। उनके सामने एक चुनौती यह भी है कि वार्ड का आधा क्षेत्र स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल है और आधा नहीं। और दूसरी चुनौती यह है कि वार्ड का क्षेत्र घनी अबाादी और व्यावसायिक है जहां पार्किंग और ट्रैफिक की समस्या नासूर बन चुकी है।
पार्षद जयश्री ने अपनी प्राथमिकताओं में इन्हीं कुछ महत्वपूर्ण बातों को शामिल किया।
-वे भी आहत हैं कि बापू बाजार में लेडीज टॉयलेट नहीं है। साफ-सुथरा टॉयलेट होना जरूरी है, वर्ना वह बीमारियों का घर हो जाता है। यह कार्य उनकी प्राथमिकता में है।
-ठक्कर बापा कॉलोनी में सडक़ पर सामान पड़ा रहता है। यदि लोग समझ जाएं तो इस कॉलोनी की सडक़ें भी चौड़ी हो जाएंगी और मोहल्ला स्वच्छ-सुंदर-व्यवस्थित लगेगा।
-देहलीगेट पर सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की है। यहां का पांच राहा सबसे बड़ा कारण है। लोग इसकी तकनीक को नहीं समझे हैं और गुरु नानक से आने वाले तथा कलक्ट्रेट से आने वाले वाहन आपस में क्रॉस होते हैं। जिसे लेफ्ट से लेफ्ट चलना है, उसे भी जगह नहीं मिलती। इस व्यवस्था को सुधारना है।
-शक्ति नगर में भी आधी रोड पर वाहन खड़े रहने की चर्चा जब उनसे की गई तो पार्षद ने कहा कि वे इस मामले में चर्चा करती रही हैं और यह समस्या समझाइश से ही सुलझ सकती है। व्यापारियों को खुद को समझना होगा कि सडक़ सिकुड़ जाएगी तो ग्राहक कैसे आएंगे।
-नाड़ाखाड़ा की पार्किंग को यदि दुमंजिला किया जा सकता है तो यह कार्य भी उनकी प्राथमिकता में रहेगा।