वेलकम 2 उदयपुर.
दीपावली के दूसरे दिन खैंखरे पर रविवार को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट के उत्सव हुए। कोरोना के चलते प्रमुख मंदिरों में भी इन परम्पराओं से दर्शनार्थियों को दूर रखा गया, लेकिन घर-घर महिलाओं ने गोवर्धन की पूजा की और शाम को मंदिरों मेें ठाकुरजी को अन्नकूट भी धराकर परम्परा का निर्वहन किया गया।
मेवाड़ के प्रमुख मंदिरों में आने वाले पुष्टिमार्ग परम्परा की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा और तृतीय पीठ द्वारिकाधीश मंदिर कांकरोली मे कोरोना गाइड लाइन के चलते दीपावली पर होने वाले सभी आयोजनों मंे बदलाव रहा। आमजन के लिए दर्शनों को बंद कर दिया गया है।
शनिवार रात कान्ह जगाई की रस्म के बाद इस वर्ष द्वारिकाधीश मंदिर मे गौशाला से केवल कुछ गौवंश को ही लाया गया। इसके बाद गोवर्धन पूजा चौक के बजाय कमल चौक मे गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। इसमें केवल पास धारी लोगों को ही मंदिर मे प्रवेश की अनुमति दी गई थी। मंदिर में परंपरानुसार गोबर से बने गोवर्धन का पूजन मंदिर के गोस्वामी परिवार द्वारा किया गया। इस मौके पर गौ पालकों द्वारा विशेष गीत गाया जाता है जिसे हीड़ कहते हैं। बृजवासी बालकों ने गोवंश को रिझाते हुए गौक्रीड़ा करवायी। इसके बाद कामधेनू के पैरों तले गोवर्धन का मान मर्दन करवाया गया।
शहर-गांव-कस्बों में महिलाओं ने सुबह सवेरे ही अपने घरों में गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन महाराज की आकृति बनाई। इसकी अपने परिवार के साथ सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना के बाद परिक्रमा की। महिलाओं ने भगवान गोवर्धन के गीत आवो गोवर्धन जी महाराज.. पूजूं पगलियां माथा आज… पूरण कराजो सारो काज… जुग-जुग जिए परिवार… पूजा गोर्वधन वीर सहित कई लोकगीत गाए तथा अपने परिवार की सुख-समृद्धि व शांति के लिए आशीर्वाद मांगा।
अन्नकूट महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया


शहर के मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने घरों में भी बाजरा, मूंग, चैल, 56 तरह के व्यंजन आदि बनाकर ठाकुरजी को भोग लगाया। उदयपुर के प्रमुख महालक्ष्मी मंदिर में भी अन्नकूट हुआ, हालांकि दर्शनार्थियों को मंदिर के बाहर से ही दर्शन की व्यवस्था रखी गई।
रामा श्यामा का दौर
दीपावली का दूसरा दिन रामा श्यामा के नाम रहा। हर कोई दीपोत्सव की शुभकामनाएं देने के लिए अपने मित्र परिचित और परिजनों के यहां पहुंचा और उनका मुंह मीठा कराकर दीपोत्सव की शुभकामनाएं दी।