सुदामा और उद्धव चरित्र 12वीं तक अनिवार्य पढ़ाया जाए
श्रीनाथद्वारा में साहित्य मण्डल की ओर से पाटोत्सव ब्रजभाषा समारोह
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श्रीनाथजी की नगरी श्रीनाथद्वारा में साहित्य मण्डल की ओर से पाटोत्सव ब्रजभाषा समारोह 13-14 फरवरी को आयोजित हुआ। समारोह में देश भर से आए साहित्यकारों, रचनाकारों ने ब्रज भाषा में अपनी रचनाएं सुनाकर राधे-कृष्ण की भक्ति से ओतप्रोत कर दिया। दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान हुए कवि सम्मेलन में तो मानो बिरज का आनंद छा गया। दो दिवसीय समारोह में प्रख्यात साहित्यकारों ने सरकारों से सुदामा चरित्र व उद्धव चरित्र को 12वीं तक की कक्षाओं में पढ़ाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि ये दोनों चरित्र बालकों में नैतिक मूल्यों, समानता, लक्ष्य के प्रति अटूट श्रद्धा आदि भावनाओं को स्थापित करेंगे। समारोह के दौरान कलम के धनियों का अभिनंदन भी किया गया।
साहित्य मण्डल नाथद्वारा के प्रधानमंत्री श्यामप्रकाश देवपुरा ने बताया कि श्री भगवतीप्रसाद देवपुरा प्रेक्षागार में राजस्थान ब्रज भाषा अकादमी के सहयोग से आयोजित समारोह के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता पूर्व प्रशासनिक अधिकारी जगदीश शर्मा जयपुर ने की। मुख्य अतिथि लब्धप्रतिष्ठ वरिष्ठ साहित्यकार हेतु भारद्वाज रहे। राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के सचिव गोपाल गुप्ता, शिव मृदुल चित्तौड़, डॉ रामसनेही लाल ’यायावर’ फिरोजाबाद, डॉ विनोद बब्बर दिल्ली, आचार्य देवेंद्र ’देव’ बरेली विशिष्ट अतिथि रहे।
सरस्वती वंदना बलदेव से पधारे राधेगोविंद पाठक ने की, श्रीनाथजी की वंदना विट्ठल पारीक ने की। ब्रज वन्दना भगवान मकरंद कामवन ने की तथा ब्रजभाषा वन्दना भरतपुर के हरि ओम हरि ने की। उपनिषद के अंतर्गत डॉ रामसनेहीलाल ’यायावर’ फिरोजाबाद ने स्वच्छंदता वादी कवि घनानंद कौ सखी भाव विषय पर आलेख प्रस्तुत किया। डॉ सुषमा शर्मा, जयपुर ने गुरु कमलाकर कै उद्धव शतक मांहि भाव व्यंजना विषय पर आलेख पढ़ा।
राजस्थान ब्रजभाषा साहित्य अकादमी के सचिव गोपाल गुप्ता ने कहा कि ब्रजभाषा भाषी क्षेत्र में राजस्थान का दूसरा स्थान है तथा देश की पहली ब्रजभाषा अकादमी के गठन भी 1985 में राजस्थान में ही हुआ। उन्होंने कहा कि हम यह संकल्प लें कि हमे ब्रजभाषा को देश के कोने-कोने तक पहुंचानी है। समारोह में मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ के कुलपति प्रो. परमेन्द्र कुमार दशोरा (उदयपुर) को डॉ. विष्णुचंद्र पाठक स्मृति सम्मान 2023 से विभूषित किया गया।
पहले दिन रात्रिकालीन सत्र में आयोजित ब्रजभाषा कवि सम्मेलन की अध्यक्षता बरेली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य देवेंद्र देव ने की। इस अवसर पर बलदेव से पधारे वरिष्ठ कवि राधा गोविंद पाठक ने कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से की। आज अपनेन को फिर स्मरण है गयौ, यह बहानौ मिलो और नमन है गयौ, गीत सुना कर साहित्य मंडल के संस्थापक भगवती प्रसाद देवपुरा का स्मरण किया गया। ब्रज के मिठलौने कवि श्यामसुंदर कंचन छाता ने, नाहक गीत लगाओ घर में कहा धरो बंटवारे में, कविता के माध्यम से वर्तमान समय में परिवार एवं समाज में बढ़ती विसंगतियों पर तीखा कटाक्ष रखा। डॉ अंजीव अंजुम ने, लागे कृष्णा नाम आधौ राधा ही समूल है, के माध्यम से राधा कृष्ण की वंदना की। जाने-माने व्यंग्यकार एवं ब्रज भाषा के कवि सुरेंद्र सार्थक ने बेरोजगारी एवं भ्रष्टाचार की समस्या को लेकर, मैं या देश का बेरोजगार का कपूत हूं, प्रस्तुत की। आगरा से आए राम बाबू स्वदेशी ने अध्यात्म एवं ओज के गीत प्रस्तुत किए। कांकरोली के युवा कवि गौरव पालीवाल ने छंद, हम तो चाकर हैं वह चार हाथ वाले के, सुनाया। जयपुर के कवि भूपेंद्र भरतपुर ने अगर सांवरो ना हो तो को बांसुरी बजा तो सुनाई। कांकरोली के कवि जितेंद्र सनाढ्य एवं बाल कवयित्री काव्या सोमानी ने भी काव्य प्रस्तुतियां दीं। कवि सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ व्यंग्यकार सुरेंद्र सार्थक ने किया।
पाटोत्सव ब्रजभाषा समारोह के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि गुड़गांव से आईं साहित्यकार सुनीता शर्मा ने कहा साहित्य मंडल साहित्य संवर्धन एवं साहित्य के विविध कार्यों को करने वाली राजस्थान ही नहीं संपूर्ण भारतवर्ष की वह संस्था है जिसने आज हजारों साहित्यकारों को सिर्फ सम्मानित ही नहीं किया, अपितु उन्होंने विविध प्रकाशन एवं आयोजनों के माध्यम से साहित्य की सेवा की है। कार्यक्रम के अध्यक्ष सुरेंद्र सार्थक ने कहा साहित्य समाज का दर्पण है एवं साहित्यकार उस दर्पण को सदैव स्वच्छ रखने का कार्य करता है। दर्पण पर फैली मलीनता और कालिख को सदैव अपने शब्दों और भावों से मिटाने का प्रयास करता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र लोढ़ा ने कहा कि साहित्य मंडल साहित्यकारों का वह कुंभ है जिसमें साहित्यकार अपने शब्दों की पावन सुरसरि से इस स्थान को पवित्र ही नहीं करते अपितु अपनी कृतियों एवं अपने विचारों से यहां शब्द प्रतिष्ठा करते हैं। डॉ संतोष यादव ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर हिंदी की विभिन्न मानद उपाधियों से देश के विभिन्न भागों से पधारे साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार सैनी व कछवाहा का सम्मान
जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान जार के पूर्व महासचिव वरिष्ठ पत्रकार संजय सैनी व बालाजी टाइम्स के सम्पादक, जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) के प्रदेश उपाध्यक्ष भंवर सिंह कछवाहा को श्रीनाथद्वारा में साहित्य मण्डल नाथद्वारा आयोजित दो दिवसीय पाटोत्सव बृजभाषा समारोह में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समारोह में मुख्य अतिथि राजस्थान साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष हेतु भारद्वाज व मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेन्द्र दशोरा थे। समारोह की अध्यक्षता जगदीश प्रसाद शर्मा ने की। डॉ विनोद बब्बर, शिव मृदुल, गोपाल गुप्ता, डॉ आचार्य देवेंद्र देव, पं. रामस्वरूप गौड़ आदि विशिष्ट अतिथि मंचासीन रहे। समारोह में पं. रामस्वरूप गौड़ जयपुर, डॉ. मोहनलाल शीतल मथुरा, भुवनेश चौहान, चिंतन खैर, अभय सिंह अलीगढ़, संजय शर्मा मुरादाबाद, पवन नीरज कामवन, नेत्रपाल राघव मांट, प्रवीण पाण्डे फिरोजाबाद, गोविंद भारद्वाज पलवल, कैलाश त्रिवेदी भीलवाड़ा, गणेश यादव दिल्ली, दीपक शर्मा फोर्ट सोनगढ़ आदि कलम के धनियों को ब्रजभाषा विभूषण, संपादक शिरोमणि व पत्रकार प्रवर की उपाधि से अलंकृत किया गया। इस आयोजन में देश के तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र व राजस्थान आदि राज्यों के साहित्यकारों, सम्पादकों, पत्रकारों व कवियों ने भाग लिया।