सुनीता कौशल
उदयपुर, 22 जनवरी। कभी सुना नहीं होगा कि 301 कर्मचारी एक साथ रिटायर हो रहे हैं। जी हां, उदयपुर में यह रिकॉर्ड बनने वाला है। और साथ में एक और रिकॉर्ड यह भी बनेगा कि 192 कर्मचारियों का विदाई समारोह सामूहिक रूप से होगा। मामला स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से जुड़ा है।
यह कर्मचारी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के हैं जो 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। बीएसएनएल के उदयपुर क्षेत्र में राजसमंद और उदयपुर जिले दोनों आते हैं। उदयपुर क्षेत्र के 301 कर्मचारियों को 31 जनवरी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मिलेगी। इसके लिए उदयपुर और राजसमंद में सेवानिवृत्ति समारोहों के दौर की भी चर्चा है। हालांकि, उदयपुर के सेक्टर-4 स्थित विद्या निकेतन स्कूल में आपसी सहयोग से राशि एकत्र कर समारोह होने जा रहा है। 192 लोगों का भोज सामूहिक रूप से रखा गया है। ऐसे में सोचा जा सकता है कि यह कितना अनोखा अवसर होगा।
जानकार बताते हैं कि इससे पहले कभी भी शहर में एक ही दिन इतनी बड़ी संख्या में किसी भी संस्थान के कर्मचारी एक साथ सेवानिवृत्त नहीं हुए व ऐसा वीआरएस कभी नहीं आया। इन कर्मचारियों को पैसा लाखों में मिलने वाला है इसलिए अभी से इन्वेस्टमेंट कंपिनयों ने भी डोरे डालना शुरू कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो बीएसएनएल की माली हालत बहुत खराब है और सरकारी स्तर पर भी इसके संचालन को लेकर जबर्दस्त बेरुखी है। इसी के मद्देनजर कर्मचारियों के लिए वीआरएस एक महीने में लेने की सुविधा के लिए 3 दिसम्बर तक आवेदन लिए गए थे। यह सुविधा सरकार ने उन कर्मचारियों को दीं जिनकी उम्र 50 वर्ष हो चुकी है। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए उदयपुर क्षेत्र के 301 अधिकारियों व कर्मचारियों ने फार्म भरा व उन्हें सेवानिवृत्ति की अनुमति दे दी गई। कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जिन्होंने 50 वर्ष की उम्र होने के बावजूद यह ऑप्शन काम में नहीं लिया क्योंकि उनका मानना है कि वे आगे भी सिस्टम का हिस्सा बने रहना चाहते हैं। वे रोज काम पर नहीं जाने की मानसिकता के लिए फिलहाल तैयार नहीं हैं।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पाने वालों में बीएसएनएल के ग्रुप-बी के कर्मचारियों से लेकर ग्रुप ए तक के अधिकारी शामिल हैं। उदयपुर में ज्यादा कर्मचारी नॉन एग्जीक्यूटिव श्रेणी के हैं। एग्जीक्यूटिव श्रेणी में ऑफिसर्स ग्रेड के लोग आते हैं। उदयपुर में सबसे बड़े अफसर डीजीएम बीके पालीवाल ने सेवानिवृत्ति का यह ऑप्शन चुना है तो उनके नीचे एजीएम, एसडी, जेटीओ आदि रिटायर हो रहे हैं। ऑप्शन चुनने वालों में महिला कर्मचारी भी शामिल हैं।
जाहिर है, इस रिकॉर्ड रिटायरमेंट के बाद बीएसएनएल में कामकाज कैसे होगा, यह सवाल उठ रहा है। लेकिन, बताया जा रहा है कि बीएसएनएल ने महीनों पहले प्लान बना लिया था जिसमें रिटायरमेंट लेने वाले कर्मचारियों के साथ लिंक ऑफिसर के रूप में बाकी बचे कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया गया। वे काम की बारीकियां समझ रहे हैं और नए साल में वे उन्हें रिप्लेस करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
बीएसएनएल को रिवाइव करने के लिए यह प्लान लाया गया है। जो लोग रिटायरमेंट ले रहे हैं उनको 125 प्रतिशत फिटमेंट दिया गया है। यानि उन्हें 50 वर्ष की उम्र के बाद की अगले दस साल की नौकरी की तनख्वाह शत प्रतिशत व ऊपर से पच्चीस प्रतिशत धन अतिरिक्त दिया जा रहा है। यही नहीं फरवरी से उनकी पेंशन भी शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि अभी बीएसएनएल में तनख्वाह समय पर नहीं मिलने की भी परेशानी हो रही है तथा बचे हुए लोग भी इस उम्मीद में हैं कि उनके लिए भी सरकार कोई योजना लेकर आएगी।