उदयपुर। मकर संक्रांति पर मेवाड़ में खेले जाने वाला पारम्परिक खेल सितोलिया इस बार उदयपुर शहर में बच्चे कम ही खेलते नजर आए। संभवतः कोरोना के डर के चलते थका देने वाले इस खेल से बचना इसके कम दिखाई देने का कारण रहा हो, लेकिन इसके समानांतर पतंगों की बिक्री जोरदार रही। एक दिन पहले बुधवार से लेकर मकर संक्रांति पर गुरुवार को भी सुबह से ही पतंगों की दुकानों पर बच्चों, युवाओं की भीड़ नजर आई। पतंग, डोर, चकरी आदि की जमकर खरीद हुई। ऐसे में यह कहा जाना उचित ही होगा कि सितोलिया, मारदड़ी के मीठे लड्डू, काठ का लट्टू घुमाने आदि पारम्परिक खेलों की चमक फीकी होती नजर आ रही है।


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